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एकल भारत लोक शिक्षा परिषद्, सीएसआर कमेटी द्वारा 25 से 27 नवंबर, 2022 तक ट्रस्टी एवं सीएसआर कमेटी के चेयरमैन श्री सुभाष सी अग्रवाल जी एवं सीए (डॉ) राज चावला जी के नेतृत्व सीए की टीम हिमाचल प्रदेश के सोलन की वनयात्रा की गयी| जिसमें 17 नये सदस्यों के साथ 35 लोगों ने भाग लिया|

सीएसआर वनयात्रा का उद्देश्य एकल द्वारा संचालित विद्यालयों का प्रत्यक्ष दर्शन कराना, विद्यालय के संचालन प्रणाली समझना, नए सदस्यों को जोड़ना, समिति सदस्यों को सक्रीय करना, सीएसआर डोनेशन के लिए प्रोत्साहित करना था|

यात्रा के दौरान ही करनाल चैप्टर में बैठक भी की गयी प्रधान श्री विपिन गुप्ता जी ने पटका पहनाकर सभी का स्वागत किया | बैठक में चैप्टर को सक्रीय करने, धनसंग्रह एवं नये सदस्यों को जोड़ने जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी| श्री नीरज रायजादा जी के सुझाव पर श्री विपिन गुप्ता जी ने करनाल चैप्टर में जल्द ही एक बड़े कार्यक्रम करने की इच्छा भी व्यक्त की| ट्रस्टी एवं सीएआर विभाग के चेयरमैन श्री सुभाष सी अग्रवाल जी एवं राष्ट्रीय प्रधान श्री नीरज रायज़ादा जी ने ओम का प्रतीक चिन्ह देकर श्री विपिन गुप्ता जी को सम्मानित किया|

एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् के राष्ट्रीय प्रधान श्री नीरज रायज़ादा जी ने एकल का प्रजेंटेशन दिया और एकल द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में सभी को बताया| शिक्षित भारत के निर्माण में सीएसआर की क्या भूमिका है और हमें 6 लाख गांव तक पहुंचने के लिए सीएसआर किस प्रकार से मदद कर सकता है इसके बारे में भी सभी को बताया| एकल के सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व, धर्मांतरण को रोकने एवं अपने गौरवशाली सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए हमें किस प्रकार से तैयार रहना चाहिए इस बारे में भी लोगों को बताया|

ट्रस्टी एवं सीएसआर कमेटी के चेयरमैन श्री सुभाष सी अग्रवाल जी ने सभी का स्वागत एवं अभिनन्दन किया| वनयात्रा में शामिल हुए सभी लोगों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया|

श्री नीरज रायज़ादा जी द्वारा दिए गए एकल का प्रेजेंटेशन देखने के बाद वनयात्रियों ने खूब सराहना की, और कहा कि इसके माध्यम से एकल के बारे में बहुत कुछ समझने का अवसर हमें प्राप्त हुआ | यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हम आज एकल विद्यालय को प्रत्यक्ष देखने के लिए यहां पर उपस्थित हुए हैं और हमारे मन में बड़ा उत्साह है कि हम ऐसे ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र में संचालित होने वाले विद्यालय को देखेंगे जहां पर शिक्षा, स्वस्थ्य, संस्कार, जागरण एवं स्वावलंबन सभी विषयों पर कार्य किया जा रहा है|

सीए (डॉ) राज चावला जी ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि आप सभी लोग इस यात्रा में शामिल हुए हैं जहां पर आपको ग्रामीण आदिवासी बच्चों की शिक्षा को देखने का अवसर प्राप्त होगा|

सभी वनयात्री एकल विद्यालय ग्राम धार भडेजी पहुंचे और वहां पर एकल विद्यालय को देखा| बच्चों ने सरस्वती वंदना, गिनती, पहाड़ा, चौपाई और कविता भी सुनाई| और वनयात्रियों द्वारा पूछे गये सवालों का बड़ी ही निर्भीकता से जबाब दिया| विद्यालय दर्शन के पश्चात सभी वन यात्रियों ने गांवों में चलाये जा रहे एकल सत्संग को भी देखा| ग्रामीणों का प्यार उनकी ऊर्जा देखकर देखकर ह्रदय प्रेम भाव से भर गया| जिससे प्रेरित होकर लगभग 15 नए सदस्यों ने एक-एक विद्यालय की सहयोग की इच्छा व्यक्त की जिन्हें एकल दानवीर का मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया गया|  नये सदस्यों को श्री नीरज रायजादा जी की तरफ से ओम का स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया | कुछ लोगों ने नए कम्पनीयों को एकल से जोड़ने का आश्वासन भी दिया|

तीसरे दिन, एकल विद्यालय ग्राम रुंजा में विद्यालय के वार्षिक कार्यक्रम में शामिल हुए | जहाँ पर बच्चों ने चौपाई, एकल विजय मंत्र एवं भजन सुनाये और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये साथ ही देशभक्ति गानों पर डांस भी किया| सभी बहनों ने हिमाचल की लोकगीत पर सामूहिक रूप से नृत्य कर खूब आनंद लिया |

ग्राम समिति के बंधुओं ने बहुत ही स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन की बहुत अच्छी व्यवस्था की थी जिसका सभी बंधुओं ने भरपूर आनंद लिया | वनयात्रा के माध्यम से सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों को एकल को अच्छी तरह से समझने तथा व्यक्तिगत सम्बन्ध स्थापित करने में मदद मिली I विद्यालय का सुचारू रूप से संचालन देखकर वनयात्री अति प्रसन्न हुए| साथ ही अधिक दान करने तथा दोबारा विजिट करने के लिए प्रोत्साहित हुए I

अनुभव कथन-

श्री सुभाष जी अग्रवाल जी (ट्रस्टी एवं चेयरमैन, सीएसआर कमेटी) ने कहा कि “हमें दान ऐसी जगह पर देना चाहिए जहां पर उसका शत प्रतिशत उपयोग हो सके और एकल ऐसी संस्था है जहां पर आपके द्वारा दिए गए दान का सौ प्रतिशत उपयोग किया जाता है| एकल विद्यालय वहीं पर संचालित होते हैं जहां पर आज भी सरकारी स्कूल नही हैं| यह बहुत बड़ा ईश्वरीय कार्य है और हमारा उद्देश्य है कि हम 6 लाख गांवों तक पहुंचे| इस पुनीत कार्य में आप सब के सहयोग की बहुत जरूरत है|”

श्री नीरज रायज़ादा जी (राष्ट्रीय प्रधान) ने कहा कि “ हमें अपने सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व को समझान चाहिए, हम बच्चों की शिक्षित तो कर सकते हैं लेकिन संस्कारयुक्त शिक्षा देने में एकल आपकी मदद कर सकता है| हमें धर्मांतरण को रोकने एवं गौरवशाली सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए एकल के साथ अवश्य जुड़ना चाहिए |

श्री राज चावल सीए (डॉ) राज चावला जी ने कहा कि “मैं कई साल से एकल से जुड़ा हूँ, परन्तु इस वनयात्रा के माध्यम से इन विषम परिस्थितियों में संचालित हो रहे विद्यालय और एकल कार्यकर्ताओं के त्याग के आगे मुझे हर कार्य छोटा लग रहा है| इतनी अधिक संख्या में सीए की टीम वनयात्रा पर पहली बार आई है, इस बात की मझे बहुत ख़ुशी है| इस सहयोग के लिए आप सभी का आभार एवं धन्यवाद|

सीए मधु जैन जी (महमंत्री, राष्ट्रीय महिला विभाग) – “बच्चों में इतना उत्साह, जोश को देखकर बहुत ख़ुशी हुई, इतने दुर्गम क्षेत्रों में, कठिन परिस्थितियों में एकल विद्यालय संचालित हो रहे रहें| एकल कार्यकर्ताओं के साहस और उनके त्याग को नमन|”

श्री सीताराम शंकरारमन (नए सदस्य) जी ने कहा कि “मुझे गांव के लोगों से एवं एकल विद्यालय के बच्चों से मिलकर इतना अच्छा लगा| मैं चाहता हूं कि कई विद्यालयों के बच्चे एक साथ आए और उनसे हम मिले और उनसे संवाद करें”

सभी वनयात्रियों ने इस यात्रा का इतना आनंद लिया जिसको शब्दों में वयां कर पाना संभव नही है| दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ पर आसानी से पहुंचना मुश्किल होता है, वहां एकल विद्यालय संचालित हो रहे है |… निश्चित रूप से राष्ट्र निर्माण का इससे बड़ा कार्य और कुछ नही हो सकता है|