प्राकृतिक की गोंद में बैठकर एकल विद्यालय के माध्यम से ज्ञान अर्जित करने वाले बच्चों की प्रतिभा को देखकर मन को आनंद मिलता हैI इन्ही एकल विद्यालय की सफलता को देखने के लिए श्री सुशील कंसल जी ने अपने पांच साथियों के साथ खटीमा अंचल के टनकपुर गाँव की वन यात्रा की I
29 मई की सुबह छ: व्यक्ति श्री नीरज रायजादा जी, श्री अखिल गुप्ता जी, श्री अजय अग्रवाल जी, श्री मनोज जैन जी, श्री राजेश मित्तल जी और श्री सुशील कंसल जी सभी उत्साहित विचार वाले समाज सेवी खटीमा अंचल के टनकपुर गाँव के लिए रवाना हुए I ओम के उच्चारण के साथ यात्रा प्रारम्भ हुई I
टनकपुर गाँव पहुँचकर बच्चों द्वारा जमीन पर बनाये गये मॉंगलिक रंगोली देखकर ह्रदय में प्यार का भाव जागृत हो गया और आँखें ख़ुशी से भर गयीं, बच्चों ने जब तिलक लगाकर स्वागत किया तो ऐसा लगा कि मानो हम उनके सगे सम्बन्धी हैं जो वषों बिछड़ने के बाद मिले हैंI इन बच्चों के प्यार को देखकर उतनी ही ख़ुशी हो रही थी जितनी एक किसान को अपनी लह्लाहती फसल को देख कर होती है I
वन यात्रा पर गये सभी लोगों को बच्चों से संवाद करने का भी शुभ अवसर मिला बच्चों ने बताया की एकल विद्यालय में आने से उन्हें शिक्षा का महत्व समझ में आया और जीवन का उद्येश्य स्पष्ट हुआ I
शिक्षा देश, समाज, व्यक्ति और संस्कृति के विकास का सबसे बड़ा माध्यम है क्योंकि अगर किसी को रोटी मिल जाये तो एक दिन चलेगा कपड़ा मिल जाये तो वर्ष तक चल सकता है और अगर बच्चे को शिक्षा मिल गया तो आजीवन कम आएगी साथ ही उसके विकास की बुनियाद मजबूत होगी और वह देश के निर्माण में योगदान दे सकेगा I ग्रामवासियों ने एकमत होकर कहा कि एकल विद्यालय ने हमें स्वाभिमान, रोजगार, स्वास्थ्य, संस्कार, पाने का अवसर दिया हैं I
एकल भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी अपने पंख फैला रहा है I नेपाल में एकल विद्यालय अपने पूरे प्रयास से बच्चों को और जन-जन को शिक्षा तथा हर क्षेत्र में जागरूक कर रहा है यही भारत की संस्कृति का आदर्श है I नेपाल और भारत सदियों पुराने एक ही हिंदू संस्कृति के वंशज हैं दोनों देशों के लोग आपस में बिना किसी भेद भाव के रहते है I एकल विद्यालय भारत को नही बल्कि पूरे विश्व को जोड़ने का प्रयास कर रहा है I
खटीमा आंचल के थारू भवन में दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ एकल विद्यालय के बच्चों द्वारा वार्षिक उत्सव मनाया गया उत्सव में श्री अखिल गुप्ता जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए I वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में भारत माता की स्तुति, एकल गीत, होली गीत, लोक नृत्य, सूर्य नमस्कार, आदि मन्त्र मुग्ध करने वाले कार्यक्रम एकल के बच्चों द्वारा प्रसतुत किये गये I सम्पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम ऐसा लग रहा था मानो एकल विद्यालय अपना सपना साकार कर रहा है I