उत्तरप्रदेश के लखीमपुर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर स्थित गाँव बेला परसुआ की रहने वाली रेखाकुमारी ने उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में सरकारी नौकरी प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि एकल अभियान केवल अक्षर ज्ञान तक ही सिमित नही है बल्कि यह स्वावलंबन की भी शिक्षा देता है I रेखाकुमारी ने उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में सेवा और समर्पण की शपथ लेकर देश और समाज की सेवा के लिए सेवारत हैI भारत लोक शिक्षा परिषद् लगातार सकारात्मक कार्य करते हुए आगे बढ़ रहा हैI
बेला परसुआ गाँव की बैठक में एकल विद्यालय की संकल्पना को एकल के सेवाव्रती कार्यकर्ता द्वारा प्रस्तावित की गयी और इस गाँव में वर्ष 2005 में एकल विद्यालय प्रारम्भ हुआ I इस पुनीत कार्य की जिम्मेदारी रेखा कुमारी ने बड़े ही हर्ष के साथ स्वीकार कियाI उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रेखा कुमारी ने ज्ञान के दीपक से गॉंव के अशिक्षा रूपी अन्धकार को दूर करने एवं गॉंव के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य करना शुरू कर दियाI
एक छोटे से किसान की बेटी दो भाई और एक बहन में सबसे बड़ी होने की वजह से घर की पूरी जिम्मेदारी को सम्भालते हुए बड़े ही सहस और धैर्य के साथ एकल का कार्य कियाI ग्राम प्रमुख बालकराम जी के सहयोग से आचार्या बनकर एकल अभियान से जुड़ी और इनके समर्पित सेवा भाव, इनकी निष्ठा को देखते हुए इन्हें 2 वर्ष में ही सेवाव्रती के रूप में संच प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई।
रेखाकुमारी के अनुभव –
रेखाकुमारी ने बताया कि मैंने 2008 में संकुल प्रशिक्षक, 2010 में अंचल आरोग्य प्रशिक्षक, 2011 में भाग आरोग्य प्रशिक्षक जैसे विभिन्न दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वाहन करते हुए साथ ही पुलिस विभाग की तैयारियां भी जारी रखी, और इसी बीच मैंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी कानपुर से M.A (समाजशास्त्र) की पढ़ाई भी पूरी किया।
मुझे एकल के द्वारा संचालित पी0डी0सी वर्ग सूर्या फाउंडेशन दिल्ली में प्रशिक्षण मिला, इस दौरान दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला था, जिससे मेरा हौसला और बढ़ा, मैंने एकल कार्यो को अपने जीवन में उतारा साथ ही यह सब करते करते मन में देश भक्ति का जज्बा भी उमड़ पड़ा मैं पूरी इच्छा शक्ति के साथ पुलिस भर्ती की तैयारी में लगी रहीI 2014 में उत्तरप्रदेश में पुलिस में मेरा चयन हुआ।
वर्तमान समय में मैं उत्तरप्रदेश गोंडा जिले के कटरा बाजार थाना में कार्यरत हूँ मुझमें एकल ने देश भक्ति के भाव भरे है, एकल मेरे जीवन का एक हिस्सा है वो मैं कभी नही भूल पाऊँगी “मेरा एकल मेरी पहचान है” इस अभियान के साथ कार्य करके जो मेरा साहस और आत्मविश्वास बढ़ा है उसमें एकल का बहुत बड़ा योगदान है।