एकल के अविरल ज्ञान की गति को और मजबूती देने की दिशा में भारत लोक शिक्षा परिषद् के कार्यक्षेत्र में बच्चों के पठन-पठान के लिए भारत और विश्व का मानचित्र वितरित किया गया I
एकल विद्यालय के बच्चों के ज्ञान में विस्तार करने के लिए भारत और विश्व का मानचित्र वितरित किया गया, जिसका उद्देश्य मानचित्र के माध्यम से एकल के बच्चों को भारत और विश्व से परिचित करवाना है I इससे भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दशा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बच्चों को मिलेंगे और उन्हें अपने देश से परिचित होने में सहायता मिलेगी I
निःस्वार्थ भाव से समाज में शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए निरंतर कार्य करने वाला भारत लोक शिक्षा परिषद् का उद्देश्य समाज के सबसे निचले स्तर तक शिक्षा को पहुँचाना है ताकि समाज का कोई भी बच्चा अशिक्षित न रह जाये, क्योकि एकल का उद्देश्य प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा को पहुँचाना है “यदि बालक विद्यालय नही जा सकता तो क्यों न विद्यालय को बालक तक पहुंचाया जाये” स्वामी विवेकनन्द के इसी आदर्श वाक्य के साथ एकल विद्यालय निरंतर आगे बढ़ रहा है I
एकल विद्यालय में मानचित्र वितरण करना यह सूचित करता है कि एकल विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का समग्र विकास हो सके और एकल के बच्चों के प्राथिमक शिक्षा की बुनियाद और मजबूत हो जाये I
भारत लोक शिक्षा परिषद् के कार्यक्षेत्र में भारत के मानचित्र के साथ ही साथ विश्व का मानचित्र भी बांटा गया ताकि बच्चों का वैश्विक विकास हो सके और ये बच्चे आगे चलकर भारत ही नही बल्कि विश्व के सामाजिक निर्माण में अपना योगदान दे सके I भारत लोक शिक्षा परिषद् द्वारा एकल विद्यालय के बच्चों को मानचित्र वितरण के इस सराहनीय कार्य को मिडिया जगत के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने प्रकाशित भी किया