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एकल अभियान को मजबूत करने के लिए भारत लोक शिक्षा परिषद् लगातार सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है I एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् के तत्वाधान में उत्तरी दिल्ली चैप्टर के द्वारा “एकल अभियान को समर्पित “गीतों भरी शाम एकल के नाम” विश्व प्रसिद्द पार्श्व गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ जी  द्वारा  भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया I इस कार्यक्रम का आयोजन 19  दिसम्बर2021 को टेक्निया ऑडिटोरियम, 3 पीएसपी मार्ग, इंस्टिट्यूटशनल एरिया, मधुबन चौक, रोहिणी सेक्टर- 14, दिल्ली-110085  में आयोजित किया गया I इस कार्यक्रम में एकल विद्यालय के बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से सहयोग करने वाले समाज प्रतिष्ठित एकल दानदाताओं को सम्मानित किया गया| जिसका उदेश्य समाज के उन जागरूक लोगों तक एक सन्देश पहुचाना है जो समाज के लिए सेवा का भाव रखते हैइस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीए अजय मित्तल जी (डिस्ट्रीब्यूटर, मिचल मैन प्रा.लि.) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी और कहा कि एकल अभियान से जब से मैं जुड़ा हूँ मेरा कार्य और व्यपार लगातार बढ़ रहा है क्योकि मैं ईश्वर के कार्य में जुड़ा हुआ हूँ| जो समाज हमें देता है और जब हम समाज को वापस देना शुरू करते हैं उससे जो हमें खुशी मिलती है वह अमूल्य है।

ग्रामीण एवं वनवासी बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले समाज के दानवीर, प्रबुद्ध महानुभाव एवं शिक्षा प्रेमियों के सहयोग से आज देश के अधिकांश भागों में एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैंI उत्तरी दिल्ली चैप्टर के कार्यकारी प्रधान श्री मुकेश गुप्ता जी ने कार्यक्रम का बहुत ही सुन्दर ढंग से संचालन किया|  इस कार्यक्रम ने एकल से जुड़े हुए महानुभावों ने अपने उद्बोधनों से लोगों को एकल से परिचित करवाया|

श्री नरेश कुमार जी – (ट्रस्टी, EBLSP)

एकल ग्रामीण एवं आदिवासी बच्चों को जो संस्कार शिक्षा दे रहा है वह और कहीं नही मिल सकता। एकल के गांवों में बहुत ही सकारात्मक सुधार आ रहा है और गांवों के विकास से ही समाज का वास्तविक विकास हो सकता है। इसलिए इस ईश्वरीय पुनीत कार्य में जो भी लोग लगे हुए हैं वो धन्यवाद पात्र हैं।

श्री नीरज रायजादा जी- (राष्ट्रीय प्रधान, EBLSP)

हमें यह नही भूलना चाहिए कि हमारे सभी महापुरुष, हमारे क्रांतिकारी सभी लोग जिनपर हम गर्व करते हैं उन सब का संबंध गांव से ही है। हमें इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए कि यदि गांवों का विकास नहीं होगा तो भारत का विकास कैसे हो सकता है। हम प्रकृति से जितना लेते हैं उसको लौटाने की भी जिम्मेदारी हमारी ही होनी चाहिए, एकल में जो लोग कार्य कर रहे हैं वो ईश्वर का कार्य कर रहें हैं।

नंद किशोर अग्रवाल जी – ( चेयरमैन, सलाहकार बोर्ड, EBLSP) –

एकल विद्यालय गुरुकुल का एक छोटा सा रूप है जिसमें शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सिखाया जाता है जो समाज के निर्माण का एक आधार स्तंभ है। हमारे देश में शिक्षा का जो स्तर है उसमें देशभक्ति और संस्कार गायब है। एकल पुनः इस कार्य को बढ़ाने का कार्य कर रहा है। गांवों के पलायन को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन जिन गांवों में एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैं वहां पर पलायन और धर्मांतरण की समस्या कम हुई है। यह है एकल की सफलता।

श्री लक्ष्मी नारायण गोयल जी – (चेयरमैन, ट्रस्ट बोर्ड, EBLSP)

हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि हमारे जितने भी आदर्श पुरुष हैं सब का संबंध कहीं ना कहीं गांव से ही रहा है और एकल गांव के विकास के लिए ही निरंतर सेवारत है| हमें एकल को जानना है तो अवश्य एक बार गांव में जाना चाहिए जहां पर एकल विद्यालय का संचालन हो रहा है| आप खुद ही उस परिवर्तन को अनुभव करेंगे। राष्ट्र निर्माण का जो कार्य एकल द्वारा किया जा रहा है निश्चित रूप से आने वाले समय में एक सशक्त भारत का निर्माण होगा।

एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री जी.डी. गोयल जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया| इस कार्यक्रम में एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् एवं उत्तरी दिल्ली चैप्टर के गणमान्य महानुभाओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्यक्रम की शोभा बढाई|