एकल भारत लोक शिक्षा परिषद्, कानपुर चैप्टर द्वारा वार्षिकोत्सव कार्यक्रम ‘एक शाम एकल के नाम’ प्रसिद्द कवि एवं लेखक श्री मनोज मुंतशिर जी द्वारा 10 अप्रैल 2022 को कानपुर मेडिकल कॉलेज ऑडीटोरियम, कानपुर, में आयोजित किया गया| श्री जी.डी.गोयल जी (चेयरमैन, EBLSP), श्री नीरज रायज़ादा जी (प्रधान, EBLSP), डॉ. ए.एस.प्रसाद (प्रधान, कानपुर चैप्टर, EBLSP) श्री ध्रुव रुईया जी, (महामंत्री, कानपुर चैप्टर, EBLSP), तथा सम्मानित शतकवीरों, अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया| कार्यक्रम की शुरुवात राष्ट्रगान के साथ किया गया| मंच का सफल एवं सुचारू रूप से संचालन श्रीमती देविका मुखर्जी जी द्वारा किया गयाI एकल बच्चों द्वारा एकल गीत नाट्य कला के माध्यम से बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया| कानपुर चैप्टर के संरक्षक श्री सुरेंद्र गुप्ता जी (गोल्डी मसाले वाले) ने सभी का स्वागत किया और अपने उद्द्बोधन में एकल के कार्यों की सराहना कीI
डॉ.ए.एस. प्रसाद जी ने कानपुर चैप्टर के द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कीI कानपुर चैप्टर के संरक्षक श्री सुरेंद्र गुप्ता जी ( गोल्डी मसाले वाले), डॉ ए.एस. प्रसाद जी (प्रधान कानपुर चैप्टर) श्री ध्रुव रुईया जी (महामंत्री), श्री जी.डी. गोयल जी (राष्ट्रीय चेयरमैन,EBLSP), श्री नीरज रायज़ादा जी ( राष्ट्रीय प्रधान, EBLSP), श्रीमती अनुराधा वार्ष्णेय जी सहित कानपुर चैप्टर की पूरी टीम ने कार्यक्रम में उपस्थित कानपुर चैप्टर के सम्मानित शतकवीर दानदाताओं को एकल पटका एवं एकल स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया|
श्री मनोज मुंतशिर जी (प्रसिद्द कवि एवं लेखक) –
एकल भारत लोक शिक्षा परिषद् एवं कानपुर चैप्टर टीम द्वारा श्री मनोज मुंतशिर का एकल पटका एवं एकल स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया| श्री मनोज मुंतशिर जी ने एकल द्वारा किये जा रहे शिक्षित राष्ट्र निर्माण की सराहना करते हुए कहा कि एकल वहां तक अपने ज्ञान का प्रकाश पहुंचा रहा है जहाँ तक सूर्य की किरणें भी आसानी से नहीं पहुँच पाती है| देश के उन दूर दराज स्थानों पर जहाँ तक सरकारें भी नही पहुँच पा रही हैं वहां पर शिक्षा की रोशनी एकल के माध्यम से पहुँच रही है| उन्होंने अपने ऊर्जावान शब्दों से सभी में जोश भर दिया| श्री मनोज मुंतशिर जी द्वारा एकल दूर- दर्शन यूट्यूब चैनल का भव्य उद्घाटन किया गया, जिसका उद्देश्य एकल विद्यालय के दानदाताओं के सहयोग से संचालित विद्यालय की वीडियो दानदाताओं एवं सामान्य जनमानस तक पहुँचाना है|
भारत के गौरवशाली इतिहास को अपने शब्दों में पिरोकर लोगों के समक्ष जिस तरह से श्री मनोज मुंतशिर जी ने प्रस्तुत किया, सभी लोग सुनकर अभिभूत हो गये| राम के आदर्श पूर्ण जीवन, उनके त्याग और उनके समर्पण से हमें सीखने की कितनी जरुरत है इसके बारे में भी बताया| उन्होंने बताया कि मेरा भारत आकाश सा बलवान है लेकिन धरती की तरह धैर्यवान भी है|
माँ के बारे में कहा कि-
हमें अपनी माँ के योगदान को कभी नही भूलना चाहिए| क्योंकि दुनिया में माँ से ज्यादा प्यार कोई नही कर सकता – “दुनिया के हर रिश्ते में प्यार कुछ अधूरा आधा निकलेगा, एक माँ का प्यार है जो दूसरों से 9 महीने ज्यादा निकलेगा|”
पिता के बारे में कहा –
मैं डरता नहीं किसी आफत, किसी मुश्किल, किसी परेशानी से,
मैं जानता हूं अगर मेरा वक्त बिगड़ जाएगा, अगर मेरे पैरों में कांटा चुभ जाएगा
तो कोई है जो मेरे लिए भगवान से भी लड़ जाएगा।
जब तक वह दुआओं भरा हाथ मेरे सर पर है, मेरा गुरूर जिंदा है, मेरा रूआब जिंदा है
कयामत भी आ जाए तो मेरा क्या बिगाड़ देगी, अभी तो मेरा बाप जिंदा है।
द्वितीय दिवस – 11.04.2022
चित्रकूट के कर्वी संच के एकल विद्यालय ग्राम भभई की वनयात्रा जोश और उत्साह के साथ की गयी| वनयात्रा के माध्यम से सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों को एकल को अच्छी तरह से समझने तथा व्यक्तिगत सम्बन्ध स्थापित करने में मदद मिली I एकल विद्यालय के बच्चों ने वनयात्रियों द्वारा पूछे गये सवालों का बड़ी ही निर्भीकता से जबाब दिया| बच्चों ने सरस्वती वंदना, गिनती, पहाड़ा और कविता भी सुनाये| दानदाता द्वारा सामान्य ज्ञान के प्रश्न भी पूछे गये जिसका उत्तर बच्चों ने बड़ी ही तत्परता के साथ दिया| जैसे- भारत का प्रधानमंत्री कौन है, देश की राजधानी क्या है, आप किस प्रदेश में रहते हैं आदि| एकल विद्यालय ग्राम के लोगों तथा संच प्रमुखों आदि से व्यक्तिगत रूप से मिलने, उनकी परेशानियों को जानने का मौका मिला तथा ये भी समझा गया की उन्हें किन-किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैI विद्यालय का सुचारू रूप से संचालन देखकर दानदाता अति प्रसन्न हुए | साथ ही अधिक दान करने तथा दोबारा विजिट करने के लिए प्रोत्साहित हुए I वनयात्रा के पश्चात सभी वन यात्रियों ने श्री राम दरबार और गुप्त गोदावरी का दर्शन किया| चित्रकूट पर्वत की गुफा में श्री राम का अद्भुत दरबार देखकर ह्रदय रोमांच से भर गया| श्री ध्रुव रुईया जी, श्रीमती अनुराधा जी एवं कानपुर की टीम के सहयोग से मन्दाकिनी नदी में नौका विहार और भव्य गंगा आरती देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ| साथ ही भरत मंदिर के दर्शन करके सभी वनयात्री अभिभूत हो गये|