भारत लोक शिक्षा परिषद्, कानपुर चैप्टर एवं विवेकानन्द समिति, आई.आई.टी. कानपुर द्वारा आज 11 अक्टूबर 2022 को एकल विद्यालय अभियान के संदर्भ में आई.आई.टी. कानपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में एकल विद्यालय की कार्य प्रणाली, शिक्षित समाज के निर्माण में एकल के प्रभाव एवं राष्ट्रनिर्माण में एकल का क्या योगदान है इन विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुयी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. ए.एस. प्रसाद (अध्यक्ष, कानपुर चैप्टर, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद) ने बताया कि एकल के माध्यम से हम ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा का ज्ञान देकर उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने का कार्य कर रहे हैं। आज सम्पूर्ण भारत में लगभग एक लाख एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैं जिसमें लगभग 28 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एकल विद्यालय ग्रामीण समुदाय को पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है जिसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, ग्राम विकास शिक्षा, जागरण शिक्षा तथा जीवन मूल्य एवं संस्कार शिक्षा के माध्यम सामर्थ भारत का निर्माण करना है।
इसके साथ ही साथ एकल अभियान के अंतर्गत गौ संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि एकल अभियान के अंतर्गत भाग बुंदेलखंड के पांचो अंचलों (कानपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट एवं झांसी) में 1680 एकल विद्यालय संचालित है। इन एकल विद्यालयों के माध्यम से गांव में रह रहे बच्चों को शिक्षा व संस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में एकल गुल्लक योजना का भी शुभारम्भ किया गया। गुल्लक में रू0 50/- प्रतिदिन जमा कर कोई भी व्यक्ति एक विद्यालय का संरक्षक बन सकता है। इस गुल्लक के माध्यम से विद्यार्थियों को एकल विद्यालयों हेतु सहयोग के लिये प्रेरित किया गया।
इस कार्यक्रम के आयेाजक डा. नचिकेता तिवारी, आई.आई.टी., कानपुर तथा भारत लोक परिषद कानपुर चैप्टर के सचिव श्री ध्रुव रूइया ने अपने विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन डा0 डी0के0 सिंहा ने किया। विवेकानन्द समिति के आदर्श कुमार, आकाश विश्वास, लवेश मंगल तथा आई.आई.टी. कानपुर के शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।